दयाशंकर शुक्ल सागर

Friday, August 1, 2014

शुक्रिया श्रीमती एलन


शिमला की उस सकरी सड़क पर मैं उस महिला को झाड़ू लगाते हुए देख रहा था। ‌शिमला की सड़कों पर न कूडा होता है और न धूल मिट्टी। ज्यादा से ज्यादा देवदार की पत्तियां सड़क पर बिखरी होती हैं। फिर शिमला नगर निगम शहर की खूबसूरती बनाए रखने के लिए साफ सफाई पर ज्यादा ध्यान देती है। शिमला निगर निगम के कुछ कायदे बड़े दिलचस्प हैं। मसलन अगर आप अपने पालतू कुत्ते के गले में पट्टा नहीं बांधते तो आपको भारी भरकम जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर आपने अपने घर में २४ घंटे से ज्यादा कूड़ा रखा तो आपको जुर्माना देना होगा। खैर मैं उस सफाई कर्मी की बात कर रहा था जो अल सुबह लंबे हत्‍थ झाड़े से सड़क साफ कर रही थी। वह अपने काम को बेहद पेशेवर ढंग से अंजाम दे रही थी। ऐसे प्रोफेशनल और कर्मठ सफाईकर्मी मैंने जिनेवा की सड़कों पर देखे थे। कैसे वहां महिला सफाईकर्मी कार से उतरती है। चेंज रूम में जाकर अपनी वर्दी पहनती है और अपने काम में जुट जाती है। पूरी गरिमा और सम्मान के साथ। हमारे साथ सबसे बड़ी ‌दिक्कत यही है कि हम जीवन की इस गरिमा को नकार कर व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को ज्यादा तरजीह देते हैं।
खैर मैं नहीं जानता की लंबे हत्‍थ झाडू का आविष्कार किसने किया। लेकिन मैं शुक्रगुजार हूं भारत के पहले अमेरिकी राजदूत एल्सवर्थ बंकर की पत्नी हैरिएट एलन का जिन्होंने भारत में सफाईकर्मियों को छोटे झाडू से निजात दिलाई। एलन बेहद संवेदनशील महिला थीं। दिल्ली आईं तो उन्होंने देखा कि यहां महिलाएं छोटे झाडू से बैठ कर सड़क साफ करती हैं। उन्हें जीवन भर छोटी सी झाडू से झुक कर काम करना पड़ता है। इससे उनकी कमर झुक वक्त से बहुत पहले झुक जाती है। एक इतवार जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास चाय पर बुलाया। वह बुजुर्ग महिला अपनी बड़ी सी कैडिलक कार से आईं। अपनी कार की ‌डिग्गी में वह लम्बा झाड़ू लेकर आईं थीं। उन्होंने पीएम निवास के सामने सड़क पर लम्बे हत्‍थे की झाडू से सफाई करवायी। नेहरू इस डैमो से बहुत प्रभावित हुए। वह भी संवेदनशील राजनेता थे। उन्होंने तुरंत दिल्ली नगर निगम व नगर पालिका में लंबे हत्‍थे वाले झाडू के इस्तेमाल करने का इंतजाम करवा दिया। बाद में यह व्यवस्‍था पूरे भारत में लागू हो गई। 
हमारे नौकरशाहों और राजनेताओं के लिए ये बेशक एक प्रेरणादायक कहानी हो सकती है। बड़ी बड़ी योजनाओं पर दिमाग खपाने के बजाए वह रोजमर्रा के जिन्दगी से प्रेरणा लेकर बड़े काम कर सकते हैं।


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