दयाशंकर शुक्ल सागर

Sunday, May 20, 2018

सेना कहती है आतंकियों के जनाजे रोकें, पर सुनता कौन है?


कश्मीर लाइव रिपोर्ट-4





 - जनाजों में उमड़ती है हजारों युवाओं की भीड़, भावुकता भरे गुस्से से पैदा हो रहे नए आतंकी फोटो -बासित जरगर


शोपियां। ये सबसे रोमांचकारी नजारा होता है। भावुक और दिल दहला देने वाला। कश्मीरी आतंकी के जनाजे का जुलूस। इनकाउंटर में मारे गए पोस्टमार्टम के बाद लाश आतंकी के घर वालों को सौंप दी जाती है। थोड़ी ही देर में स्ट्रेचर पर रखी लाश को भीड़ अपने कब्जे में ले लेती है और फिर शुरू होता है आजादी के नारों और दर्दनाक मातम का शोर। देखते-देखते पूरा इलाका जनसैलाब में तब्दील हो जाता है। हजारों हजार लड़के, औरतें, मर्द, बुजुर्ग जनाजे को घेरे खड़े रहते हैं। दूर दूर तक न पुलिस, न आर्मी, न सीआरपीएफ  और न कोई कश्मीरी नेता। बस कंधे पर एके-47 टांगे लम्बे बालों वाले आतंकी दिखते हैं-क्यूबा के क्रान्तिकारी चे-गेवारा जैसी कैप पहने अपने साथी को गन सैल्यूट के साथ अंतिम विदाई देने के लिए। इस आखिरी सलाम की गो‌लियों का तीखा शोर दूर सीआरपीएफ और राजपूताना रायफल्स के फौजी कैम्पों तक सुनाई देता है। सेना समझ जाती है कि दूर कहीं आतंकियों की नई फसल तैयार हो रही है।
शोपियां, पुलवामा से लेकर श्रीनगर तक की भीड़ इन जनाजों में शामिल होती है। लेकिन इस भीड़ में बाहर के मीडिया को आने की इजाजत नहीं। किसी ने आपको पहचान लिया कि तो क्रोधित। भीड़ आपको मार डालेगी। भले ही आप उनके लिए रिपोर्टिंग करने आए हों। उन्हें किसी पर यकीन नहीं। मीडिया पर तो बिलकुल नहीं
बीती 7 मई को शोपियां की पुराने जमाने की जामिया मस्जिद में सद्दाम पाडर के जनाजे में हजारों हजार युवाओं का मजमा जुटा था। अगले एक हफ्ते में पांच नए आतंकी बने जिसमें आवंतीपुरा का तौसीफ ठोकर भी शामिल था। यह वही भीड़ होती है जो नए आतंकी पैदा करती है। हर जनाजे के बाद लश्कर और मुजाहिदीन नए आतंकी बने लड़कों की तस्वीर जारी करता है। हिजबुल ने तौसीफ की भी तस्वीर जारी की। 

सेना में कर्नल स्तर के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली से श्रीनगर तक की उच्चस्तरीय बैठकों में हम, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस भी कई बार ये बात लिखकर दे चुकी है कि इन जनाजों के जुलूस बंद कराएं जाएं। ये केवल कश्मीर का माहौल खराब कर रहे हैं। इसकी इजाजत देकर हम आतंकियों को महिमामंडित करने का मौका दे रहे हैं। एक जनाजे में दस नए आतंकी पैदा होते हैं। हम दस मारते हैं अगले दिन दस नए आतंकी पैदा हो जाते हैं। ऐसे में ये सिलसिला कभी नहीं खत्म होगा।
वे बताते हैं कि पहले पाकिस्तानी आतंकी के मरने पर भी जनाजा निकलता था। ढाई साल पहले लश्कर का कश्मीर कमांडर अबू कासिम मरा तो उसके जनाजे में एक लाख लोग जुट गए थे। तब से विदेशी आतंकी के जनाजों पर रोक लग गई। अब पुलिस उनकी लाश उत्तरी कश्मीर के किसी इलाके में चुपचाप दफना देती है। कोई हल्ला नहीं होता। लेकिन कश्मीरी आतंकियों के जनाजे पर कोई रोक नहीं। अधिकारी कहते हैं कि पुलिस, सेना कस्टडी में आतंकी के शव को चार पांच परिजनों की मौजूदगी में किसी अज्ञात जगह दफना देना चाहिए। लेकिन सूबे की वोट की राजनीति इसके लिए तैयार नहीं है। महबूबा सरकार ऐसे जनाजों को रोक कर पब्लिक की और नाराजगी मोल नहीं ले सकती। फिर हुर्रियत और अलगवावादी ऐसा होने नहीं देंगे क्योंकि वह कभी नहीं चाहते कि कश्मीर में हालात सुधरे।
खुले में आतंकी, आर्मी बेबस
जनाजों में आतंकी गन सेल्यूट देने जरूर आते हैं। वे खुलेआम हवाई फायरिंग करते हैं, लेकिन सुरक्षाबल कुछ नहीं कर सकते। एक अफसर ने बताया कि हमें तब बाहर निकलने के आदेश नहीं। वहां हजारों की भीड़ उमड़ती है। वह उन्माद में होती है। ऐसे में हम कोई जोखिम नहीं ले सकते। अगर हमने कोई कार्रवाई की तो सैकड़ों नागरिक हताहत हो सकते हैं।



नाबालिग को आतंकी बना तस्वीर कर दी जारी
हद तो तब हो गई जब पुलवामा में रविवार को एक नाबालिग की हथियारों के साथ फोटो सोशल मीडिया में जारी कर कर दी गई। इसमें कहा गया है कि कक्षा आठ में पढ़ने वाले छात्र आतंकी बन गया है। छात्र ने लश्कर-ए-तैयबा ज्वाइन कर लिया है। आतंकी अब नाबालिगों को संगठन में ज्वाइन करा रहे हैं। जिससे की माहौल को और बिगाड़ा जा सके।




कठोर फैसला लेना होगा: जम्‍मूू कश्‍मीर पुलिस चीफ एसपी वैद
प्रश्न: आतंकियों के जनाजे पर रोक क्यों नहीं लगा पा रही सरकार?
डीजीपी: ये कठिन राजनीतिक निर्णय है। वो कहेंगे एक तो आप हमारे बच्चों को मार रहे हैं और उसकी बॉडी भी नहीं दे रहे।
प्रश्न: सही है। लेकिन अगर आप उनको एक बॉडी देते हैं तो कल आपको उन्हें और दस नए बच्चों की बॉडी देनी पड़ेगी?
डीजीपी: बिल्कुल ठीक। हम भी नहीं चाहते कि इस तरह जनाजे निकाले जाएं। भावनाएं भड़के
  और बच्चे मोटिवेट हों। लेकिन ये निर्णय हम अकेले नहीं कर सकते। हमने इतना जरूर किया है कि ऐसे जनाजों में भड़काऊ भाषण देने पर एफआईआर दर्ज करनी शुरू कर दी है।
प्रश्न: लेकिन आपको पता है कि वहां हर बार आतंकियों के जत्थे गन सैल्यूट देने आते हैं?
डीजीपी: हां, पर वहां इतनी भीड़ होती है कि हम कार्रवाई करें तो बड़ा नुकसान हो सकता है।








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