दयाशंकर शुक्ल सागर

Thursday, September 17, 2020

ज्योतिष विद्या का रहस्य




क्या आप ज्योतिष विद्या पर यकीन करते हैं? बहुत सालों तक मैं नहीं करता था. ये बड़ी बेढंगी बात लगती है कि आपसे लाखों मील दूर बैठे ग्रह नक्षत्र आपके जीवन को संचालित करें? क्या ये संभव है? अब जबकि मैं ज्योतिष विज्ञान का अध्ययन कर रहा हूं कह सकता हूं कि हां ये संभव है. न केवल संभव है बल्कि ये सब बहुत दिलचस्प है. ज्योतिष विद्या एक विज्ञान है. ये विशुद्ध गणित हैं। एक ग्रह है चन्द्रमा उसके उतार चढ़ाव से इतने बड़े समन्दर में लहरे उठती और गिरती हैं तो हम तो सिर्फ इंसान हैं जिसके शरीर में 60 फीसदी पानी है. इन दिनों मैं ज्योतिष विद्या पढ़ रहा हूं. मैंने अपनी कुंडली भी पढ़ी, जिसमें साफ साफ लिखा है- आप दूसरों को ज्ञान बांटेंगे? पढ़कर मुझे हंसी आ गई. आगे पढ़ता गया तो और बातें भी सच निकलती चली गई. अपने शुरूआती अध्ययन में जितना मैं ज्योतिष विज्ञान समझ पाया वह ये कि जिस वक्त हम जन्म लेते हैं ठीक उसी वक्त ब्रह्मांड में मौजूद ग्रह नक्षत्र हमारे जीवन की पूरी कहानी लिख देते हैं. ठीक उसकी वक्त तय हो जाता है कि हम अपने जीवन में क्या काम करने के लिए पैदा हुए हैं? हमारा जीवन कैसा होगा? हम परिवार कैसा होगा? हमारा चरित्र कैसा होगा‍‍? हमारा जीवन कितना होगा? इसी को जन्म कुंडली कहते हैं. ये सब उतना ही सटीक और वैज्ञानिक है जितना 2+2=4. लेकिन दिक्कत ये है कि हूबहू भविष्य बताने वाली इस गणित के मास्टर बहुत कम हैं. आप मुझे बस अपने जन्म का सही समय दिन, घंटे, मिनट और सेकेंड बता दें और ये बता दें कि आपका जन्म दुनिया के किस कोने में हुआ है. मैं या कोई और भी बहुत आसानी से कंप्यूटर से गणना करके बता देगा कि आपके के जन्म के समय ग्रह‌ और नक्षत्र कितने आकांक्ष पर थे और उन्होंने आपके जीवन पर क्या असर डाला जिसकी वजह से आप आज इस स्थिति में हैं. मैं आपके व्यक्तित्व के बारे में जो बातें बताऊंगा वह 90 फीसदी सही होंगी. अगर सही नहीं हैं तो इसका सिर्फ एक मतलब है कि आपके जन्म के समय के बारे में जानकारी कहीं गलत होगी. वर्ना ये गणना 100 फीसदी सही बैठती है. मजे की बात ये है कि इसमें कोई विवाद नहीं है. 

तो पहली बात जन्म कुंडली एक सेटालाइट पिक्चर की एक तरह है. ये आपके जीवन का फोटोग्राफ है. आपके जन्म के समय आसमान के ग्रह नक्षत्रों की जो तस्वीर खिंच गई उसे कोई नहीं बदल सकता. वो तस्वीर आपके जीवन से जुड़ गई जो आपकी मौत तक आपको पीछा नहीं छोड़ने वाली.  दूसरी बात ज्योतिष शास्‍त्र कहता है कि आपके जीवन में सुख दुख, अच्छे और बुरे दिन, यश अपयश ये सब जो आते जाते हैं उसकी वजह वर्तमान के ग्रह नक्षत्रों के मूवमेंट हैं जो आपके जीवन पर तात्कालिक असर डालते हैं. क्योंकि आपका जन्म एक खास ग्रह नक्षत्र के डिजाइन में हुआ है तो मौजूदा ग्रह नक्षत्रों की बदलती लोकेशन उस पर निरन्तर असर डालती रहती है. तो जीवन में कभी खुशी कभी गम के पीछे की थ्योरी की वजह यही है. 

तो अब तक जो बातें मैंने बताईं उससे साफ है कि आपका जीवन आपके नियंत्रण में बिलकुल नहीं है. आपके नियंत्रण में सिर्फ कर्म है. हो सकता है कि आप बहुत योग्य हैं, बहुत काबिल हैं बहुत कर्म करते हैं लेकिन फिर भी आप कामयाब नहीं हैं.तो इसके पीछे वजह आप नहीं है. आपके ग्रह नक्षत्र हैं जो आपके सारे कर्म के बावजूद आपको आगे नहीं बढ़ने देते. जबकि आपसे कहीं मूर्ख इंसान तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते जाता है. माफ कीजिए आप पाएंगे कि उसकी जन्म कुंडली में यही लिखा है. इसी को किस्मत या डेस्टनी कहते हैं. लेकिन इससे आप निराश कतई न हो. अपना कर्म जारी रखें. उससे आप भले आपको मनचाहा नतीजा न हासिल हो लेकिन अगर आपने थक कर किस्मत से हार मान ली और कर्म छोड़ दिया तो यकीन जानिए आपकी हालत बद से बद्तर हो जाएगी. और मजे की बात ये कि ये बात भी आपकी जन्म कुंडली में कहीं जरूर लिखी होगी.  

मेरी अब तक की बनी समझ से ज्योतिषी का काम बस यही खत्म हो जाना चाहिए. वो इसके आगे आपकी कोई मदद नहीं कर सकता. क्योंकि वो किसी भी कीमत पर आपकी किस्मत नहीं बदल सकता. हां वो अपनी जेब भरने के लिए आपसे ग्रह शांति के लिए पूजा-यज्ञ-हवन आदि करने की सलाह दे सकता है. या फिर आपको कोई खास पत्‍थर सा रत्न पहनने की सलाह दे दे. लेकिन मुझे नहीं लगता इससे कोई बहुत असर पड़ता होगा. कुछ लोगों को पत्‍थर पहनने से कोई फायदा मिला भी होगा लेकिन ये सिर्फ संयोग या इत्तेफाक है. इसके पीछे कोई सांइस होगी ऐसा नहीं है. या अगर हो तो उसका आविष्कार अभी तक तो नहीं हुआ है. लेकिन आप ये मानिए कि ज्योतिष एक विज्ञान है लेकिन इसके जानकार चंद ऊंगलियों पर गिने जाने वाले लोग हैं. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि 99 फीसदी ज्योतिषी फ्राड हैं. उनका ज्योतिष का ज्ञान बहुत सीमित है. लेकिन उसी से उनका काम खूब अच्छे से चल जाता है. क्योंकि लोगों को अपना भविष्य जानने में रूचि है. जिसका कोई मतलब नहीं. अपना भविष्य जानना निरी बेवकूफी है खास तौर से तब जब आप जानते हैं कि उस भविष्य को दुरुस्त करने के लिए आप या कोई और कुछ नहीं कर सकता. ये बात निराशाजनक जरूर है लेकिन जो है सो है. क्या कीजिएगा आप?  



1 comment:

Unknown said...

ज्ञान सिंह अंकल मुझे सिर्फ एक बात बता दो र्का जन्म का समय किस स्थिति में तय होगा? जब भ्रूण बनता है, जब सहवास के बाद अंडकोष बनता है, जब ह्रदय गती आती है या जब बच्चा बाहर आकर रोना शुरु करके सांस लेना शुरु करता है?
और तुम कैसे कौन सा समय है ये ल्य करने वाले कौन होते हो?