दयाशंकर शुक्ल सागर

Thursday, August 29, 2013

न्यूयार्क यानी लूटेरों और पाकेटमारों का शहर

मेरी अमेरिका  डायरी- 9 


न्यूयार्क तेजी से दौड़ता एक शहर। ऊंची-ऊंची गगनचुम्बी इमारतें। चमचमाते शो रूम। बड़ी स्क्रीन पर लहराते विज्ञापन। बसें, ट्रामें और पीले रंग में रंगी टैक्सियां। सड़कों पर तेजी से आगे बढ़ते काले-गोरे फैशनपरस्त लोग। चोर, गिरहकट, पॉकेटमार और लुटरे। हर तरफ डरा देने वाला भीड़ का सैलाब। न्यूजर्सी की तरफ से न्यूयार्क सिटी में दाखिल होने में दो घंटे लग गए। अंधेरे भूमिगत टनलों में अक्सर जाम लग जाता है। कई टनलों को पार करने के बाद न्यूयार्क सिटी में दाखिल हुए तो एक खूबसूरत शहर सामने है।
सुबह के वक्त सड़क के दोनों तरफ कचरा उठाने वाली गाड़ियां फुटपाथ पर रखे कूड़े के पालिथिन बैग को इकट्ठा कर रही हैं। कहीं कोई गंदगी नहीं। इस शहर में मोहल्लों के नाम नहीं। उनकी पहचान स्ट्रीट नम्बर होती है। 33 स्ट्रीट में आयोजित सेमिनार के मुख्य अतिथि शहर के मेयर ब्लूमबर्ग हैं। ब्लूमबर्ग कहते है-‘मेरे अनोखे शहर में आप सबका स्वागत है।इस अनोखे न्यूयार्क शहर में समुद्री हर्बर नदी में तब्दील हो गया है। इस नदी के समानांतर एक सड़क सीधे स्टैचू आफ लिबर्टी की तरफ जाती है।
हर्बर के उस पार भी दूर दूर तक भव्य ऊंची इमारतें दिखती हैं। नीला समुद्री पानी का हर्बर न्यूयार्क शहर को दो हिस्सों में बांटता है। स्टैचू ऑफ लिबर्टी इसी हर्बर के बीच एक छोटे से टापू पर बना है। यह टापू शहर की इमारतों के पीछे छिप गया है। रोम में आजादी की देवी का नाम है लिबर्टी। आजादी की देवी की वह विशाल मूर्ति इस सड़क से नहीं दिखती। टैक्सी हमें नदी के उस छोर पर उतारती है, जहां दूर स्टैचू आफ लिबर्टी दिखाई देती है। वहां तक जाने के लिए हमें छोटे जहाज का टिकट लेना होगा। लेकिन इस तरफ एक पूरा पिकनिक स्पाट बस गया है।
पार्क में स्ट्रीट प्ले चल रहा है। भीड़ इस नाटक के मजे ले रही है। एक जींस टीशर्ट पहने लड़की ठीक सामने जाती है। वह ओबामा कंडोम बेच रही है। पैकट पर बराक ओबामा की तस्वीर है। वह बताती है कि अमेरिका में यह कंडोम बहुत लोकप्रिय है। वह बताती है कि यह कंडोम बिलकुल असली है और फूड एंड ड्रग अथारर्टी से बाकायदा पंजीकृत है। हालांकि वह यह भी कहती है कि अन्य कंडोमों की तरह इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। दरअसल यह कंडोम ओबामा के विरोधियों ने उनकी लोकप्रियता को कैश करने के लिए निकाला है। इसके खिलाफ वहां की अदालत में मुकदमा भी चल रहा है। लेकिन ओबामा कंडोम सरेआम बिक रहा है। मैं उस लड़की की तस्वीर खिंचना चाहता हूं तो वह अपना चेहरा छिपा लेती है। वह नहीं चाहती कि कंडोम बेचते वक्त कोई उसकी तस्वीर ले।
पानी के जहाज का 20 मिनट का सफर तय कर अब हम लिबर्टी की विशालकाय प्रतिमा के ठीक करीब खड़े है। अंग्रेजों के खिलाफ चले स्वाधीनता संग्राम में फ्रांस ने अमेरिका की मदद की थी। अंग्रेजों को यहां से खदड़ने के बाद फ्रांस ने यह प्रतिमा अमेरिका को तोहफे में दी थी। लिबर्टी के एक हाथ में स्वाधीनता की मशाल है। अमेरिका या कहें न्यूयार्क की पहचान बन चुकी यह प्रतिमा उससे कहीं ज्यादा भव्य है जितनी हालीवुड की फिल्मों में दिखाई देती है।
लिबर्टी द्वीप से लौट कर इस वक्त हम लोअर मैनहेटन के ब्राड-वे स्ट्रीट पर चल रहे हैं। यह न्यूयार्क की व्यस्ततम सड़कों में एक है। फुटपाथ पर हजारों लोग तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। दोनों तरफ दुकानों के शो रूम। सड़क की दाई तरफ एक गलीनुमा रोड़ नीचे की ओर गई है। यह मशहूर वॉल स्ट्रीट है। न्यूयार्क का मशहूर स्टॉक एक्सचेंज। सोच कर हैरत होती है कि पूरी दुनिया को मंदी में ढकलने में यह मामूली सी गली भी हद तक जिम्मेदार है।
हास्टल में लौटता हूं तो नोटिस बोर्ड पर नजर पड़ती है। जिसमें बताया गया है कि बीती रात किसी लुटेरे ने एक व्यक्ति की चाकू मार कर हत्या कर दी। हमें सलाह दी गई कि रात आठ बजे के बाद कैम्पस के बाहर निकलें। अगर कोई लुटेरा चाकू दिखा कर आपसे पर्स, घड़ी या चेन मांगे तो चुपचाप सब चीजें निकाल कर उसके हवाले कर दें। नोटिस बोर्ड पर इस मासूम सलाह को पढ़ कर दिल भर जाता है। इस नामुराद शहर में रात को घूमने से बेहतर है सो जाइए।

 

1 comment:

Janardan Pandey said...

ummid h meri america diary 10 jld hi agyegi kyonki abhi lekhak bharat nhi lauta h........