दयाशंकर शुक्ल सागर

Monday, September 9, 2013

शहर में घूमता जिंदा डायनासोर


 मकाऊ डायरी 2



और ये सचमुच सपनों का शहर है। तीन तरफ से पहाड़ियों के बीच बसे इस शहर में बहुमंजिली इमारतों का जंगल है। इन इमारतों में ज्यादातर होटल हैं या जुआ खिलाने वाले कसीनो या फिर स्पा, बार या नाइट क्लब। यह सभी जगहें उन अतृप्‍त सैलानियों के लिए हैं जो अपने शहर से ऊब चुके हैं और उन्हें ऐसी किसी जगह की तलाश है जहां आकर सारी वर्जनाएं खत्म हो जाती हैं। समंदर के जहाज फैरी से उतर कर मकाऊ शहर में दाखिल होते आपको यह नहीं लगेगा कि आज किसी प्राचीन पुर्तगाली शहर में आ गए। एयरपोर्टनुमा बंदरगाह से निकल कर जैसे ही हम बाहर निकले चीनी लड़कियों का समूह हाथों में तमाम तरह के कार्ड और हैंडबिल लिए खड़ा था। चीयर्स गर्ल की तरह दिखने वाली ये लड़कियां उन तमाम बड़े होटलों की प्रचारक हैं जो आने वाले नए सैलानियों को पर्चे बांट कर बताती हैं कि उनका यहां क्या खास है। और देखते-दखते मेरे हाथों में कार्ड का एक ढेर लग जाता है। मुझे बताया गया है कि यहां के सब होटल वैनेशिया की शटल फैरी टर्मिनल के आगे खड़ी मिल जाएगी। और शानदार शटल वहां खड़ी थी। अपनी सीट पर बैठकर मैं उन तमाम कार्ड और हैंडबिल को पलटता हूं जो मुझे प्रचारक लड़कियों ने दिए थे। ऊपर के पहले ही कार्ड पर छपे शब्द थोड़ा चौकाते हैं। द शो ऑफ  सीक्रेट फैंट्सीज।  किट नाऊ आन सेल। यानी खुफिया फंतासियों का शो। फैंटसी के इस शो में क्या है? इसका अंदाजा कार्ड पर छपी तस्वीर से लग जाता है। कार्ड पर अंग्रेजी में छपा मजमून बताता है कि सपनों के शहर में देखिए वह फैंटसी जो स्त्री-पुरुष की अंतरंग इच्छाओं को नई उड़ान देती है। कार्ड के भीतरी पन्ने पर इस शो को देखने का अंदाज भी कम दिलचस्प नहीं है। छपे नक्शे में बताया गया है कि स्टेज के एकदम सामने की सीटें ए रेणी की हैं जिनका टिकट 1000 डालर का है। बी श्रेणी के टिकट स्टेज से दूर ए श्रेणी के पीछे हैं जिनका मूल्य 700 डालर है। एक तीसरी श्रेणी भी है सबसे पीछे जहां आप खड़े होकर ही ये शो देख सकते हैं। इसका दिकट 500 डालर का है।
शटल आकर ठीक होटल वैनेशिया के गेट पर रुकती है। विशाल क्षेत्र में फैला ये होटल अपने आप में टूरिस्टों के आर्कषण का केंद्र है। होटल में दाखिल होते लगेगा जैसे आप किसी रोमन साम्राज्य के विशालकाय महल में दाखिल हुए हैं। ये अलग बात है कि ये महल 21वीं सदी की सभी सुख-सुविधाओं से लैस है। होटल की लाबी में विलुप्त हो चुके एक दैत्याकार डायनासोर का कंकाल आपका स्वागत करेगा। पर यहां एक जीवित डायनासोर भी है जो आने वाले पर्यटकों का मनोरंजन कर रहा है।
डरावने डायनासोर के विशालकाय लबादे में कोई इंसान छुपा है। चारों ओर से भीड़ उसे घेरे हैं। सैलानी उसकी तस्वीरें ले रहे हैं और यह डायनासोर उनके करीब पहुंच कर उन्हें डरा देता है। डायनासोर के साथ हैट लगाए उसका मास्टर भी है। जो डरे हुए लोगों को उसकी बनावटी डायनासोर से बचता है।
 
करीब 25 मंजिला होटल में चेक इन करने के बाद अब में दूसरी मंजिल पर हूं। लेकिन ये मंजिल होटल की अंतिम मंजिल लगती है। क्योंकि मेरे ऊपर खुला आसमान है। बादलों से घिरा नीला आसमान। जैसे किसी खूबसूरत मौसम में बदली छाई रहती है। इस मंजिल पर दुनिया की सबसे बेहतरीन दुकानें हैं। हर तरह की ज्वैलरी शाप से लेकर हर तरह का फैशन स्टोर। दूसरी ओर खुले आसमान के नीचे फूड कोर्ट है। दुनिया के सारे रेस्त्रां यहां आपको मिल जाएंगे। और दुनिया के हर कोने से आए हजारों सैलानी इन व्यंजनों का लुत्फ उठा रहें हैं। लेकिन मैं उपर देखता हूं कि बादल के सारे टुकडे वहीं मौजूद हैं जहां अब से एक घंटा पहले थें। ओह तो ये कृत्रिम यानी बनावटी बादल हैं। यानी चैबीस घंटे इस नीले आसमान पर बदली छाई रहती है। यहां न चांद दिखता है न सूरज। सिर्फ खुला आसमान और बादल हैं। और लगता है कि हम किसी परी देश में हैं और इन बादलों के बीच से अभी कोई परी उतर कर जमीन पर आ जाएगी। ये वाकई सपनों की सपनों की दुनिया है। सपनों का शहर है। यहां सपने और फंतासियां बिकती हैं। सिर्फ आपकी जेब में हांगकांग डालर हों। फिर सपनों को खरीदिए और मजा लीजिए  मकाऊ का।

 

 

 

 

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